शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

अनिद्रा के कारण, अच्छी नींद आने के उपाय, ध्यान और प्राकृतिक और कृत्रिम उपाय

अनिद्रा या नींद की बीमारी क्यों होती है ?

अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि मुख्यतः मानसिक अशांति के परिणामस्वरुप अनिद्रा की समस्या होती है। किसी भी प्रकार की शारीरिक व्यथा जैसे शरीर में दर्द, अतिशय तीव्र या मौसम में बदलाव की स्थिति या पुरानी बीमारियाँ भी अनिद्रा का कारण बन सकती हैं। थकान और चिंता से भी नींद की कमी हो सकती है। जिन लोगों को कमज़ोर पाचन, कब्ज और खाने की अनियमित आदतों का पूर्व इतिहास है, उन्हें अनिद्रा से पीड़ित होने की अधिक संभावना है।

 अनिद्रा का कोई भी कारण हो सकते है| यह एक विडम्बना है कि आज की आधुनिक जीवन शैली में लोग निद्रा को आवश्यकता नहीं बल्कि एक सुख के रूप में देखते हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, 30% से 40% लोगों का कहना है कि उन्हें कभी-कभी अनिद्रा की समस्या होती है और 10% से 15% लोग कहते हैं कि उन्हें हर समय नींद  आने की परेशानी होती है।

 आयुर्वेद में, नींद आने को 'अनिद्रा' कहा जाता है। आयुर्वेदिक उपचार सही जीवन शैली अपनाकर अनिद्रा का उपचार करना संभव है। नींद अच्छी गहरी होने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय हैं जो आप अपना सकते हैं।


       
रात को सोते समय 1 चम्मच शहद के साथ गुनगुना पानी लें। एक कटे हुए केले पर 1 चम्मच जीरा छिड़कें। रात को नियमित रूप से खाएं। ताजा पुदीने के पत्ते या पुदीने के सूखे पाउडर को 1 कप पानी में 15-20 मिनट के लिए उबालें।  कोल्ड प्रेस्ड कार्बनिक तिल के तेल को अपने पैरों के तलवों पर लगा कर रगड़ें, इससे पहले कि आप आराम से सुखपूर्वक चादर ओढ़ कर आराम करने जाएं (सूती मोज़े पैरों पर चढ़ा लें, ताकि आपकी चादर पर तेल लगे) रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना नींद आने का आसान उपाय है। बादाम का दूध कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जिससे मस्तिष्क को मेलाटोनिन (वह हार्मोन जो निद्रावस्था /जागृतवस्था चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है) के निर्माण में मदद मिलती है। ध्यान आपके मन को विश्राम देने और अच्छी नींद लाने का एक बेहतरीन तरीका है

नींद ना आने पर करें योगनिद्रा, मिनटों में सो जाएंगे गहरी नींद 

अगर आप किसी तनाव के कारण या किसी पुरानी बीमारी की वजह से सो नहीं पा रहे हैं तो प्रतिदिन सोने से पहले योगनिद्रा ध्यान कीजिये! इससे आप मिनटों में गहरी नींद में सो जाएंगे। अगर आप को लम्बे समय से नींद की बीमारी है या किसी गहरे आघात या डिप्रेशन या घबराहट के कारण नींद नहीं आती तो योगनिद्रा ध्यान कीजिये! यह वह नींद है, जिसमें जागते हुए सोना है। सोने व जागने के बीच की स्थिति है योग निद्रा। इसे स्वप्न और जागरण के बीच ही स्थिति मान सकते हैं। यह झपकी जैसा है या कहें कि अर्धचेतन जैसा है। देवता इसी निद्रा में सोते हैं।  

अनिद्रा से बचाव :  नींद नहीं आती है तो क्या करें क्या न करें

रात में देर तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने से बचें।संध्याकाल के बाद कॉफी, चाय या अन्य वातित पेय का पान करने से बचें।आयुर्वेदिक मालिश और शिरोधारा जैसी चिकित्सा मन को विश्राम देने में मदद कर सकते हैं।अपने शरीर को थकाने और ऊर्जा को दिशा देने के लिए रोजाना 30 मिनट के लिए खेल या कसरत का अभ्यास करें। अनिद्रा से निपटने में योग आपकी सहायता कैसे कर सकता है, इसके विवरण के लिए मिलें‌



शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022

लू लगने के लक्षण और बचाव के घरेलू उपाय

लू लगने के लक्षण और बचाव के घरेलू उपाय : गर्मियों के दिनों में अपने देश के कई शहरों में तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल होने लगता है। इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू (Heat stroke) कहते हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले लोग इन गर्म हवाओं को सहन कर लेते हैं लेकिन अधिकांश लोग इन हवाओं को सहन नहीं कर पाते हैं और इनके संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं। अपने देश में हर साल काफी बड़ी तादात में लोग लू की चपेट में जाते हैं।   


लू लगने के कारण (HEAT STROKE CAUSES IN HINDI) :

ये गर्म हवाएं जब आपके शरीर के संपर्क में आती हैं तो शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं और इस वजह से कई समस्याएं होने लगती हैं। ज्यादा देर तक धूप में काम करना और शरीर में पानी की कमी होना लू लगने के प्रमुख कारण हैं। बच्चे और बूढ़े लोग लू की चपेट (Sunstroke) में जल्दी जाते हैं। अधिकांश मामलों में लोगों को यह जल्दी पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गयी है। हालांकि इसका सटीक अंदाज़ा लू के लक्षणों को देखकर लगाया जा सकता है। इसलिए हर किसी को लू के लक्षणों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।

लू लगने के लक्षण  (SYMPTOMS OF HEAT STROKE IN HINDI) :

लू लगने पर सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। शुरुआत में इन लक्षणों की तीव्रता काफी कम होती है लेकिन समय के साथ साथ ये बढ़ते जाते हैं। लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है और शरीर में गर्मी बढ़ती जाती है। शरीर में गर्मी बढ़ने के बावजूद भी लू लगने के दौरान शरीर से पसीना नहीं निकलता है।

लू लगने पर उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द होना आम बात है। उल्टी होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले या शारीरिक रुप से कमजोर लोग लू लगने से बेहोश भी हो जाते हैं।

लू लगने पर क्या करें :

लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटायें। शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी चालू कर दें। अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

लू से बचने के उपाय :

यह सच है कि हर साल लू से कई लोगों की जान चली जाती है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर गर्मी के मौसम में आप ठीक ढंग से अपना ख्याल रखें और कुछ ज़रुरी सावधानियां बरतें तो लू के प्रकोप से बच सकते हैं। आइये लू से बचने के कुछ प्रमुख उपायों (sunstroke treatment in hindi) के बारे में जानते हैं।

-गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें

-पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।

-हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।

-गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें-ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें।

-अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।

लू से बचने के घरेलू उपाय  (HOME REMEDIES FOR HEAT STROKE IN HINDI) :

लू लगने के अधिकतर मामलों में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर ही इसे ठीक कर सकते हैं। इसके लिए अपनी डाइट में ठंडे तरल पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें। आइये कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं।

-घर पर ही आम का पना बनाकर पियें। लू से बचने का यह सबसे असरदार घरेलू उपाय है।

-प्याज को भून लें और इसे एक साधारण प्याज के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण में जीरा पाउडर और मिश्री मिलाकर खाने से भी लू से आराम मिलता है। इसके अलावा रोजाना खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें।

-धनिये और पुदीने दोनों की ही तासीर ठंडी होती है। लू से बचने के लिए गर्मियों में रोजाना धनिये और पुदीने का जूस बनाकर पिएं।

-सब्जियों का सूप बनाकर रोजाना सेवन करें।

-शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन ज़रुर करें।

लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय (AYURVEDIC MEDICINE FOR SUNSTROKE IN HINDI) :  आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी तासीर वाली चीजों को खाने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू नहीं लगती है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिनका लू लगने पर इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है। 
बेल का शरबतगर्मियों में बेल का शरबत अमृत के समान होता है। बेल में विटामिन सी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होतीहै। इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू से बचाव होता है। बेल का शरबत पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है।

खुराक और सेवन का तरीका : रोजाना दिन में दो-तीन बार इस जूस का सेवन खाना खाने से पहले करें।  

गिलोय का जूसगिलोय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात, पित्त और कफ शामक माना जाता है। यह लू में होने वाले तेज बुखार को जल्दी ठीक करती है और शरीर के तापमान को और बढ़ने से रोकती है।

 


 

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